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Monday 1 May 2017

Ishq: Ballad

इश्क़

इश्क़ 

इश्क़ वो बाला है 
इश्क़ वो नशा है 
मज़ा ही मज़ा है 
सज़ा ही सज़ा है 

मुहब्बत जूनून है 
दिलों की रवां है 
नज़रों की जुबां है 
ये इक दास्ताँ है 

इश्क दर्द है 
न जिसकी दवा है 
अदा ही अदा है 
दिलों की सदा है 

ये पागलपन है 
आशिक़ परेशान है 
क्या करूँ बयां मैं 
यह ज़ख्म हरा है 

इश्क़ जिसको हुआ है 
वो दिल ही जवान है 
दिलों की है मंज़िल 
यारों का कारवान है

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